Chamtkar
वरदान स्वरुप श्री दादाजी महाराज को वचन सिद्धि प्रदान की । सर्प आदि के जहर व भुतप्रेत आदि के प्रभाव से मुक्ति के लिये भभूति व कलवाणी रुपी औषध का वरदान दिया जिससे आज भी वहां भक्तोँ के दुःख क्षणभर मेँ कट जाते हैँ ।
श्री दादाजी महाराज की कृपा से सांप ,गोह (गोयरा) द्वारा डसे गये गम्भीर से गम्भीर रोगी मात्र श्री दादाजी महाराज की कलवाणी पीने से ठीक हो जाते हैँ। श्री दादाजी महाराज की मात्र तांती बांधने से अनेक बिमारीयो से छुटकारा मिलता हैँ । श्री दादाजी महाराज के मन्दिर के पास ही जिऊ बाई के द्वारा लगाया गया बैर का पेङ जो आज भी मौजुद हैँ जिसका एक पत्ता मात्र खाने से काली खांसी एवमं पेट के असाध्य रोगो मे लाभ मिलता हैँ । श्री दादाजी महाराज के श्राद्ध के प्रसाद(लापसी) की ऐसी मान्यता हैँ की अगर जरा भी लापसी का प्रसाद खाने को मिल जाये तो 12 मास व्यक्ति रोगो से दुर रहता हैँ । श्री दादाजी महाराज गायेँ चराते थे एवमं गरीबो ,निशक्तो एवमं कमजोरो के दास थे ।
- श्री दादाजी महाराज को वचन सिद्धि प्रदान की
- भभूति व कलवाणी रुपी औषध का वरदान
- गरीबो ,निशक्तो एवमं कमजोरो के दास
- गाँव मेँ 'अक्षय कृष्ण गौशाला '
- 'दादा अक्षय विकलांग सेवा संस्थान परसनेऊ '
- ठहरने के लिये धर्मशाला व जल आदि की उत्तम व्यवस्था
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